महाभारतम् — 1.215.1
Original
Segmented
वैशंपायन उवाच सो ऽब्रवीद् अर्जुनम् च एव वासुदेवम् च सात्वतम् लोक-प्रवीरौ तिष्ठन्तौ खाण्डवस्य समीपतः
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| वैशंपायन | वैशम्पायन | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
| सो | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| ऽब्रवीद् | ब्रू | pos=v,p=3,n=s,l=lan |
| अर्जुनम् | अर्जुन | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| च | च | pos=i |
| एव | एव | pos=i |
| वासुदेवम् | वासुदेव | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| च | च | pos=i |
| सात्वतम् | सात्वत | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| लोक | लोक | pos=n,comp=y |
| प्रवीरौ | प्रवीर | pos=n,g=m,c=2,n=d |
| तिष्ठन्तौ | स्था | pos=va,g=m,c=2,n=d,f=part |
| खाण्डवस्य | खाण्डव | pos=n,g=m,c=6,n=s |
| समीपतः | समीपतस् | pos=i |