महाभारतम् — 1.217.17
Original
Segmented
वैशंपायन उवाच तत् श्रुत्वा वृत्रहा तेभ्यः स्वयम् एव अन्ववेक्ष्य च खाण्डवस्य विमोक्ष-अर्थम् प्रययौ हरिवाहनः
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| वैशंपायन | वैशम्पायन | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
| तत् | तद् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| श्रुत्वा | श्रु | pos=vi |
| वृत्रहा | वृत्रहन् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| तेभ्यः | तद् | pos=n,g=m,c=4,n=p |
| स्वयम् | स्वयम् | pos=i |
| एव | एव | pos=i |
| अन्ववेक्ष्य | अन्ववेक्ष् | pos=vi |
| च | च | pos=i |
| खाण्डवस्य | खाण्डव | pos=n,g=m,c=6,n=s |
| विमोक्ष | विमोक्ष | pos=n,comp=y |
| अर्थम् | अर्थ | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| प्रययौ | प्रया | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
| हरिवाहनः | हरिवाहन | pos=n,g=m,c=1,n=s |