महाभारतम् — 1.220.3
Original
Segmented
तद् एतद् अद्भुतम् ब्रह्मञ् शार्ङ्गानाम् अविनाशनम् कीर्तयस्व अग्नि-सम्मर्दे कथम् ते न विनाशिताः
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| तद् | तद् | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| एतद् | एतद् | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| अद्भुतम् | अद्भुत | pos=a,g=n,c=1,n=s |
| ब्रह्मञ् | ब्रह्मन् | pos=n,g=m,c=8,n=s |
| शार्ङ्गानाम् | शार्ङ्ग | pos=n,g=m,c=6,n=p |
| अविनाशनम् | अविनाशन | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| कीर्तयस्व | कीर्तय् | pos=v,p=2,n=s,l=lot |
| अग्नि | अग्नि | pos=n,comp=y |
| सम्मर्दे | सम्मर्द | pos=n,g=m,c=7,n=s |
| कथम् | कथम् | pos=i |
| ते | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=p |
| न | न | pos=i |
| विनाशिताः | विनाशय् | pos=va,g=m,c=1,n=p,f=part |