महाभारतम् — 1.223.2
Original
Segmented
यः तु कृच्छ्रम् असंप्राप्तम् विचेता न अवबुध्यते स कृच्छ्र-काले व्यथितो न प्रजानाति किंचन
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| यः | यद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| तु | तु | pos=i |
| कृच्छ्रम् | कृच्छ्र | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| असंप्राप्तम् | असंप्राप्त | pos=a,g=n,c=2,n=s |
| विचेता | विचेतस् | pos=a,g=m,c=1,n=s |
| न | न | pos=i |
| अवबुध्यते | अवबुध् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
| स | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| कृच्छ्र | कृच्छ्र | pos=n,comp=y |
| काले | काल | pos=n,g=m,c=7,n=s |
| व्यथितो | व्यथ् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
| न | न | pos=i |
| प्रजानाति | प्रज्ञा | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
| किंचन | कश्चन | pos=n,g=n,c=2,n=s |