महाभारतम् — 1.24.2
Original
Segmented
विनता उवाच समुद्र-कुक्षौ एकान्ते निषाद-आलयम् उत्तमम् सहस्राणाम् अनेकानाम् तान् भुक्त्वा अमृतम् आनय
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| विनता | विनता | pos=n,g=f,c=1,n=s |
| उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
| समुद्र | समुद्र | pos=n,comp=y |
| कुक्षौ | कुक्षि | pos=n,g=m,c=7,n=s |
| एकान्ते | एकान्त | pos=n,g=m,c=7,n=s |
| निषाद | निषाद | pos=n,comp=y |
| आलयम् | आलय | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| उत्तमम् | उत्तम | pos=a,g=n,c=1,n=s |
| सहस्राणाम् | सहस्र | pos=n,g=m,c=6,n=p |
| अनेकानाम् | अनेक | pos=a,g=m,c=6,n=p |
| तान् | तद् | pos=n,g=m,c=2,n=p |
| भुक्त्वा | भुज् | pos=vi |
| अमृतम् | अमृत | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| आनय | आनी | pos=v,p=2,n=s,l=lot |