महाभारतम् — 1.26.34
Original
Segmented
किम् अर्थम् भगवन् घोरा महा-उत्पाताः समुत्थिताः न च शत्रुम् प्रपश्यामि युधि यो नः प्रधर्षयेत्
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| किम् | क | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| अर्थम् | अर्थ | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| भगवन् | भगवत् | pos=a,g=m,c=8,n=s |
| घोरा | घोर | pos=a,g=m,c=1,n=p |
| महा | महत् | pos=a,comp=y |
| उत्पाताः | उत्पात | pos=n,g=m,c=1,n=p |
| समुत्थिताः | समुत्था | pos=va,g=m,c=1,n=p,f=part |
| न | न | pos=i |
| च | च | pos=i |
| शत्रुम् | शत्रु | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| प्रपश्यामि | प्रपश् | pos=v,p=1,n=s,l=lat |
| युधि | युध् | pos=n,g=f,c=7,n=s |
| यो | यद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| नः | मद् | pos=n,g=,c=2,n=p |
| प्रधर्षयेत् | प्रधर्षय् | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |