महाभारतम् — 1.27.35
Original
Segmented
पतत्रीणाम् तु गरुड इन्द्र-त्वेन अभ्यषिच्यत तस्य एतत् कर्म सु महत् श्रूयताम् भृगुनन्दन
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| पतत्रीणाम् | पतत्रि | pos=n,g=m,c=6,n=p |
| तु | तु | pos=i |
| गरुड | गरुड | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| इन्द्र | इन्द्र | pos=n,comp=y |
| त्वेन | त्व | pos=n,g=n,c=3,n=s |
| अभ्यषिच्यत | अभिषिच् | pos=v,p=3,n=s,l=lan |
| तस्य | तद् | pos=n,g=m,c=6,n=s |
| एतत् | एतद् | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| कर्म | कर्मन् | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| सु | सु | pos=i |
| महत् | महत् | pos=a,g=n,c=1,n=s |
| श्रूयताम् | श्रु | pos=v,p=3,n=s,l=lot |
| भृगुनन्दन | भृगुनन्दन | pos=n,g=m,c=8,n=s |