महाभारतम् — 1.3.117
Original
Segmented
स ताम् उवाच एते कुण्डले गुरु-अर्थम् मे भिक्षिते दातुम् अर्हसि इति
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| स | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| ताम् | तद् | pos=n,g=f,c=2,n=s |
| उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
| एते | एतद् | pos=n,g=n,c=2,n=d |
| कुण्डले | कुण्डल | pos=n,g=n,c=2,n=d |
| गुरु | गुरु | pos=n,comp=y |
| अर्थम् | अर्थ | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| मे | मद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
| भिक्षिते | भिक्ष् | pos=va,g=n,c=2,n=d,f=part |
| दातुम् | दा | pos=vi |
| अर्हसि | अर्ह् | pos=v,p=2,n=s,l=lat |
| इति | इति | pos=i |