महाभारतम् — 1.33.9
Original
Segmented
यथा स यज्ञो न भवेद् यथा वा अपि पराभवेत् जनमेजयस्य सर्पाणाम् विनाश-करणाय हि
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| यथा | यथा | pos=i |
| स | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| यज्ञो | यज्ञ | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| न | न | pos=i |
| भवेद् | भू | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
| यथा | यथा | pos=i |
| वा | वा | pos=i |
| अपि | अपि | pos=i |
| पराभवेत् | पराभू | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
| जनमेजयस्य | जनमेजय | pos=n,g=m,c=6,n=s |
| सर्पाणाम् | सर्प | pos=n,g=m,c=6,n=p |
| विनाश | विनाश | pos=n,comp=y |
| करणाय | करण | pos=n,g=n,c=4,n=s |
| हि | हि | pos=i |