महाभारतम् — 1.47.19
Original
Segmented
कम्पय् च सर्वेषाम् उरगाणाम् मनांसि ते सर्पान् आजुहुवुः तत्र सर्वान् अग्नि-मुखे तदा
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| कम्पय् | कम्पय् | pos=va,g=m,c=1,n=p,f=part |
| च | च | pos=i |
| सर्वेषाम् | सर्व | pos=n,g=m,c=6,n=p |
| उरगाणाम् | उरग | pos=n,g=m,c=6,n=p |
| मनांसि | मनस् | pos=n,g=n,c=2,n=p |
| ते | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=p |
| सर्पान् | सर्प | pos=n,g=m,c=2,n=p |
| आजुहुवुः | आहु | pos=v,p=3,n=p,l=lit |
| तत्र | तत्र | pos=i |
| सर्वान् | सर्व | pos=n,g=m,c=2,n=p |
| अग्नि | अग्नि | pos=n,comp=y |
| मुखे | मुख | pos=n,g=n,c=7,n=s |
| तदा | तदा | pos=i |