महाभारतम् — 1.7.21
Original
Segmented
यथा सूर्य-अंशुभिः स्पृष्टम् सर्वम् शुचि विभाव्यते तथा त्वद्-अर्चिस्-निर्दग्धम् सर्वम् शुचि भविष्यति
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| यथा | यथा | pos=i |
| सूर्य | सूर्य | pos=n,comp=y |
| अंशुभिः | अंशु | pos=n,g=m,c=3,n=p |
| स्पृष्टम् | स्पृश् | pos=va,g=n,c=1,n=s,f=part |
| सर्वम् | सर्व | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| शुचि | शुचि | pos=a,g=n,c=1,n=s |
| विभाव्यते | विभावय् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
| तथा | तथा | pos=i |
| त्वद् | त्वद् | pos=n,comp=y |
| अर्चिस् | अर्चिस् | pos=n,comp=y |
| निर्दग्धम् | निर्दह् | pos=va,g=n,c=1,n=s,f=part |
| सर्वम् | सर्व | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| शुचि | शुचि | pos=a,g=n,c=1,n=s |
| भविष्यति | भू | pos=v,p=3,n=s,l=lrt |