महाभारतम् — 1.71.6
Original
Segmented
पौरोहित्येन याज्य-अर्थे काव्यम् तु उशनसम् परे ब्राह्मणौ तौ उभौ नित्यम् अन्योन्य-स्पर्धिनः भृशम्
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| पौरोहित्येन | पौरोहित्य | pos=n,g=n,c=3,n=s |
| याज्य | याज्य | pos=n,comp=y |
| अर्थे | अर्थ | pos=n,g=m,c=7,n=s |
| काव्यम् | काव्य | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| तु | तु | pos=i |
| उशनसम् | उशनस् | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| परे | पर | pos=n,g=m,c=1,n=p |
| ब्राह्मणौ | ब्राह्मण | pos=n,g=m,c=1,n=d |
| तौ | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=d |
| उभौ | उभ् | pos=n,g=m,c=1,n=d |
| नित्यम् | नित्यम् | pos=i |
| अन्योन्य | अन्योन्य | pos=n,comp=y |
| स्पर्धिनः | स्पर्धिन् | pos=a,g=m,c=1,n=d |
| भृशम् | भृशम् | pos=i |