महाभारतम् — 1.71.7
Original
Segmented
तत्र देवा निजघ्नुः यान् दानवान् युधि संगतान् तान् पुनः जीवयामास काव्यो विद्या-बल-आश्रयात् ततस् ते पुनः उत्थाय योधयांचक्रिरे सुरान्
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| तत्र | तत्र | pos=i |
| देवा | देव | pos=n,g=m,c=1,n=p |
| निजघ्नुः | निहन् | pos=v,p=3,n=p,l=lit |
| यान् | यद् | pos=n,g=m,c=2,n=p |
| दानवान् | दानव | pos=n,g=m,c=2,n=p |
| युधि | युध् | pos=n,g=f,c=7,n=s |
| संगतान् | संगम् | pos=va,g=m,c=2,n=p,f=part |
| तान् | तद् | pos=n,g=m,c=2,n=p |
| पुनः | पुनर् | pos=i |
| जीवयामास | जीवय् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
| काव्यो | काव्य | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| विद्या | विद्या | pos=n,comp=y |
| बल | बल | pos=n,comp=y |
| आश्रयात् | आश्रय | pos=n,g=m,c=5,n=s |
| ततस् | ततस् | pos=i |
| ते | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=p |
| पुनः | पुनर् | pos=i |
| उत्थाय | उत्था | pos=vi |
| योधयांचक्रिरे | योधय् | pos=v,p=3,n=p,l=lit |
| सुरान् | सुर | pos=n,g=m,c=2,n=p |