महाभारतम् — 1.73.31
Original
Segmented
एवम् हि मे कथयति शर्मिष्ठा वार्षपर्वणी वचनम् तीक्ष्ण-परुषम् क्रोध-रक्त-ईक्षणा भृशम्
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| एवम् | एवम् | pos=i |
| हि | हि | pos=i |
| मे | मद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
| कथयति | कथय् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
| शर्मिष्ठा | शर्मिष्ठा | pos=n,g=f,c=1,n=s |
| वार्षपर्वणी | वार्षपर्वणी | pos=n,g=f,c=1,n=s |
| वचनम् | वचन | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| तीक्ष्ण | तीक्ष्ण | pos=a,comp=y |
| परुषम् | परुष | pos=a,g=n,c=2,n=s |
| क्रोध | क्रोध | pos=n,comp=y |
| रक्त | रक्त | pos=a,comp=y |
| ईक्षणा | ईक्षण | pos=n,g=f,c=1,n=s |
| भृशम् | भृशम् | pos=i |