महाभारतम् — 1.74.5
Original
Segmented
यः संधारयते मन्युम् यो अतिवादान् तितिक्षति यः च तप्तो न तपति दृढम् सो ऽर्थस्य भाजनम्
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| यः | यद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| संधारयते | संधारय् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
| मन्युम् | मन्यु | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| यो | यद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| अतिवादान् | अतिवाद | pos=n,g=m,c=2,n=p |
| तितिक्षति | तितिक्ष् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
| यः | यद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| च | च | pos=i |
| तप्तो | तप् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
| न | न | pos=i |
| तपति | तप् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
| दृढम् | दृढ | pos=a,g=n,c=2,n=s |
| सो | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| ऽर्थस्य | अर्थ | pos=n,g=m,c=6,n=s |
| भाजनम् | भाजन | pos=n,g=n,c=1,n=s |