महाभारतम् — 1.75.1
Original
Segmented
वैशंपायन उवाच ततः काव्यो भृगु-श्रेष्ठः समन्युः उपगम्य ह वृषपर्वाणम् आसीनम् इति उवाच अविचारयत्
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| वैशंपायन | वैशम्पायन | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
| ततः | ततस् | pos=i |
| काव्यो | काव्य | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| भृगु | भृगु | pos=n,comp=y |
| श्रेष्ठः | श्रेष्ठ | pos=a,g=m,c=1,n=s |
| समन्युः | समन्यु | pos=a,g=m,c=1,n=s |
| उपगम्य | उपगम् | pos=vi |
| ह | ह | pos=i |
| वृषपर्वाणम् | वृषपर्वन् | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| आसीनम् | आस् | pos=va,g=m,c=2,n=s,f=part |
| इति | इति | pos=i |
| उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
| अविचारयत् | अविचारयत् | pos=a,g=m,c=1,n=s |