महाभारतम् — 1.78.30
Original
Segmented
शुक्र उवाच धर्म-ज्ञः सन् महा-राज यो ऽधर्मम् अकृथाः प्रियम् तस्मात् जरा त्वाम् अचिराद् धर्षयिष्यति दुर्जया
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| शुक्र | शुक्र | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
| धर्म | धर्म | pos=n,comp=y |
| ज्ञः | ज्ञ | pos=a,g=m,c=1,n=s |
| सन् | अस् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
| महा | महत् | pos=a,comp=y |
| राज | राज | pos=n,g=m,c=8,n=s |
| यो | यद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| ऽधर्मम् | अधर्म | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| अकृथाः | कृ | pos=v,p=2,n=s,l=lun |
| प्रियम् | प्रिय | pos=a,g=m,c=2,n=s |
| तस्मात् | तद् | pos=n,g=n,c=5,n=s |
| जरा | जरा | pos=n,g=f,c=1,n=s |
| त्वाम् | त्वद् | pos=n,g=,c=2,n=s |
| अचिराद् | अचिर | pos=a,g=n,c=5,n=s |
| धर्षयिष्यति | धर्षय् | pos=v,p=3,n=s,l=lrt |
| दुर्जया | दुर्जय | pos=a,g=f,c=1,n=s |