महाभारतम् — 1.78.35
Original
Segmented
शुक्र उवाच ननु अहम् प्रत्यवेक्ः ते मद्-अधीनः ऽसि पार्थिव मिथ्या आचारस्य धर्मेषु चौर्यम् भवति नाहुष
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| शुक्र | शुक्र | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
| ननु | ननु | pos=i |
| अहम् | मद् | pos=n,g=,c=1,n=s |
| प्रत्यवेक्ः | प्रत्यवेक्ष् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=krtya |
| ते | त्वद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
| मद् | मद् | pos=n,comp=y |
| अधीनः | अधीन | pos=a,g=m,c=1,n=s |
| ऽसि | अस् | pos=v,p=2,n=s,l=lat |
| पार्थिव | पार्थिव | pos=n,g=m,c=8,n=s |
| मिथ्या | मिथ्या | pos=i |
| आचारस्य | आचार | pos=n,g=m,c=6,n=s |
| धर्मेषु | धर्म | pos=n,g=m,c=7,n=p |
| चौर्यम् | चौर्य | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| भवति | भू | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
| नाहुष | नाहुष | pos=n,g=m,c=8,n=s |