महाभारतम् — 1.80.24
Original
Segmented
वैशंपायन उवाच पौर-जानपदैः तुष्टैः इति उक्तवान् नाहुषः तदा अभ्यषिञ्चत् ततः पूरुम् राज्ये स्वे सुतम् आत्मजम्
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| वैशंपायन | वैशम्पायन | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
| पौर | पौर | pos=n,comp=y |
| जानपदैः | जानपद | pos=n,g=m,c=3,n=p |
| तुष्टैः | तुष् | pos=va,g=m,c=3,n=p,f=part |
| इति | इति | pos=i |
| उक्तवान् | वच् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
| नाहुषः | नाहुष | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| तदा | तदा | pos=i |
| अभ्यषिञ्चत् | अभिषिच् | pos=v,p=3,n=s,l=lan |
| ततः | ततस् | pos=i |
| पूरुम् | पूरु | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| राज्ये | राज्य | pos=n,g=n,c=7,n=s |
| स्वे | स्व | pos=a,g=n,c=7,n=s |
| सुतम् | सुत | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| आत्मजम् | आत्मज | pos=n,g=m,c=2,n=s |