महाभारतम् — 1.84.8
Original
Segmented
दुःखे न तप्येन् न सुखेन हृष्येत् समेन वर्तेत सदा एव धीरः दिष्टम् बलीय इति मन्यमानो न संज्वरेन् न अपि हृष्येत् कदाचित्
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| दुःखे | दुःख | pos=n,g=n,c=7,n=s |
| न | न | pos=i |
| तप्येन् | तप् | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
| न | न | pos=i |
| सुखेन | सुख | pos=n,g=n,c=3,n=s |
| हृष्येत् | हृष् | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
| समेन | सम | pos=n,g=m,c=3,n=s |
| वर्तेत | वृत् | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
| सदा | सदा | pos=i |
| एव | एव | pos=i |
| धीरः | धीर | pos=a,g=m,c=1,n=s |
| दिष्टम् | दिष्ट | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| बलीय | बलीयस् | pos=a,g=n,c=1,n=s |
| इति | इति | pos=i |
| मन्यमानो | मन् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
| न | न | pos=i |
| संज्वरेन् | संज्वर् | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
| न | न | pos=i |
| अपि | अपि | pos=i |
| हृष्येत् | हृष् | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
| कदाचित् | कदाचिद् | pos=i |