महाभारतम् — 1.87.8
Original
Segmented
अष्टक उवाच पृच्छामि त्वाम् मा प्रपत प्रपातम् यदि लोकाः पार्थिव सन्ति मे ऽत्र यदि अन्तरिक्षे यदि वा दिवि श्रिताः क्षेत्रज्ञम् त्वाम् तस्य धर्मस्य मन्ये
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| अष्टक | अष्टक | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
| पृच्छामि | प्रच्छ् | pos=v,p=1,n=s,l=lat |
| त्वाम् | त्वद् | pos=n,g=,c=2,n=s |
| मा | मा | pos=i |
| प्रपत | प्रपत् | pos=v,p=2,n=s,l=lot |
| प्रपातम् | प्रपात | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| यदि | यदि | pos=i |
| लोकाः | लोक | pos=n,g=m,c=1,n=p |
| पार्थिव | पार्थिव | pos=n,g=m,c=8,n=s |
| सन्ति | अस् | pos=v,p=3,n=p,l=lat |
| मे | मद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
| ऽत्र | अत्र | pos=i |
| यदि | यदि | pos=i |
| अन्तरिक्षे | अन्तरिक्ष | pos=n,g=n,c=7,n=s |
| यदि | यदि | pos=i |
| वा | वा | pos=i |
| दिवि | दिव् | pos=n,g=m,c=7,n=s |
| श्रिताः | श्रि | pos=va,g=m,c=1,n=p,f=part |
| क्षेत्रज्ञम् | क्षेत्रज्ञ | pos=a,g=m,c=2,n=s |
| त्वाम् | त्वद् | pos=n,g=,c=2,n=s |
| तस्य | तद् | pos=n,g=m,c=6,n=s |
| धर्मस्य | धर्म | pos=n,g=m,c=6,n=s |
| मन्ये | मन् | pos=v,p=1,n=s,l=lat |