महाभारतम् — 10.1.29
Original
Segmented
तत्र उपविष्टाः शोचन्तो न्यग्रोधस्य समन्ततः तम् एव अर्थम् अतिक्रान्तम् कुरु-पाण्डवयोः क्षयम्
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| तत्र | तत्र | pos=i |
| उपविष्टाः | उपविश् | pos=va,g=m,c=1,n=p,f=part |
| शोचन्तो | शुच् | pos=va,g=m,c=1,n=p,f=part |
| न्यग्रोधस्य | न्यग्रोध | pos=n,g=m,c=6,n=s |
| समन्ततः | समन्ततः | pos=i |
| तम् | तद् | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| एव | एव | pos=i |
| अर्थम् | अर्थ | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| अतिक्रान्तम् | अतिक्रम् | pos=va,g=m,c=2,n=s,f=part |
| कुरु | कुरु | pos=n,comp=y |
| पाण्डवयोः | पाण्डव | pos=n,g=m,c=6,n=d |
| क्षयम् | क्षय | pos=n,g=m,c=2,n=s |