महाभारतम् — 10.1.35
Original
Segmented
तत्र काक-सहस्राणि ताम् निशाम् पर्यणामयन् सुखम् स्वपन्तः कौरव्य पृथक् पृथग् अपाश्रयाः
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| तत्र | तत्र | pos=i |
| काक | काक | pos=n,comp=y |
| सहस्राणि | सहस्र | pos=n,g=n,c=1,n=p |
| ताम् | तद् | pos=n,g=f,c=2,n=s |
| निशाम् | निशा | pos=n,g=f,c=2,n=s |
| पर्यणामयन् | परिणामय् | pos=v,p=3,n=p,l=lan |
| सुखम् | सुखम् | pos=i |
| स्वपन्तः | स्वप् | pos=va,g=m,c=1,n=p,f=part |
| कौरव्य | कौरव्य | pos=n,g=m,c=8,n=s |
| पृथक् | पृथक् | pos=i |
| पृथग् | पृथक् | pos=i |
| अपाश्रयाः | अपाश्रय | pos=n,g=m,c=1,n=p |