महाभारतम् — 10.1.36
Original
Segmented
सुप्तेषु तेषु काकेषु विस्रब्धेषु समन्ततः सो ऽपश्यत् सहसा आयान्तम् उलूकम् घोर-दर्शनम्
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| सुप्तेषु | स्वप् | pos=va,g=m,c=7,n=p,f=part |
| तेषु | तद् | pos=n,g=m,c=7,n=p |
| काकेषु | काक | pos=n,g=m,c=7,n=p |
| विस्रब्धेषु | विश्रम्भ् | pos=va,g=m,c=7,n=p,f=part |
| समन्ततः | समन्ततः | pos=i |
| सो | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| ऽपश्यत् | पश् | pos=v,p=3,n=s,l=lan |
| सहसा | सहसा | pos=i |
| आयान्तम् | आया | pos=va,g=m,c=2,n=s,f=part |
| उलूकम् | उलूक | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| घोर | घोर | pos=a,comp=y |
| दर्शनम् | दर्शन | pos=n,g=m,c=2,n=s |