महाभारतम् — 10.1.4
Original
Segmented
दीर्घम् उष्णम् च निःश्वस्य पाण्डवान् अन्वचिन्तयन् श्रुत्वा च निनदम् घोरम् पाण्डवानाम् जय-एषिणाम्
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| दीर्घम् | दीर्घ | pos=a,g=n,c=2,n=s |
| उष्णम् | उष्ण | pos=a,g=n,c=2,n=s |
| च | च | pos=i |
| निःश्वस्य | निःश्वस् | pos=vi |
| पाण्डवान् | पाण्डव | pos=n,g=m,c=2,n=p |
| अन्वचिन्तयन् | अनुचिन्तय् | pos=v,p=3,n=p,l=lan |
| श्रुत्वा | श्रु | pos=vi |
| च | च | pos=i |
| निनदम् | निनद | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| घोरम् | घोर | pos=a,g=m,c=2,n=s |
| पाण्डवानाम् | पाण्डव | pos=n,g=m,c=6,n=p |
| जय | जय | pos=n,comp=y |
| एषिणाम् | एषिन् | pos=a,g=m,c=6,n=p |