महाभारतम् — 10.11.11
Original
Segmented
दिष्ट्या त्वम् पार्थ कुशली मत्त-मातङ्ग-गामिनम् अवाप्य पृथिवीम् कृत्स्नाम् सौभद्रम् न स्मरिष्यसि
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| दिष्ट्या | दिष्टि | pos=n,g=f,c=3,n=s |
| त्वम् | त्वद् | pos=n,g=,c=1,n=s |
| पार्थ | पार्थ | pos=n,g=m,c=8,n=s |
| कुशली | कुशलिन् | pos=a,g=m,c=1,n=s |
| मत्त | मद् | pos=va,comp=y,f=part |
| मातङ्ग | मातंग | pos=n,comp=y |
| गामिनम् | गामिन् | pos=a,g=m,c=2,n=s |
| अवाप्य | अवाप् | pos=vi |
| पृथिवीम् | पृथिवी | pos=n,g=f,c=2,n=s |
| कृत्स्नाम् | कृत्स्न | pos=a,g=f,c=2,n=s |
| सौभद्रम् | सौभद्र | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| न | न | pos=i |
| स्मरिष्यसि | स्मृ | pos=v,p=2,n=s,l=lrt |