महाभारतम् — 10.15.28
Original
Segmented
द्रौणिः उवाच पाण्डवैः यानि रत्नानि यत् च अन्यत् कौरवैः धनम् अवाप्तानि इह तेभ्यो ऽयम् मणिः मम विशिष्यते
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| द्रौणिः | द्रौणि | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
| पाण्डवैः | पाण्डव | pos=n,g=m,c=3,n=p |
| यानि | यद् | pos=n,g=n,c=1,n=p |
| रत्नानि | रत्न | pos=n,g=n,c=1,n=p |
| यत् | यद् | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| च | च | pos=i |
| अन्यत् | अन्य | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| कौरवैः | कौरव | pos=n,g=m,c=3,n=p |
| धनम् | धन | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| अवाप्तानि | अवाप् | pos=va,g=n,c=1,n=p,f=part |
| इह | इह | pos=i |
| तेभ्यो | तद् | pos=n,g=n,c=5,n=p |
| ऽयम् | इदम् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| मणिः | मणि | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| मम | मद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
| विशिष्यते | विशिष् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |