महाभारतम् — 10.18.6
Original
Segmented
लोक-यज्ञेन यज्ञ-एषी कपर्दी विदधे धनुः धनुः सृष्टम् अभूत् तस्य पञ्च-किष्कु-प्रमाणात्
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| लोक | लोक | pos=n,comp=y |
| यज्ञेन | यज्ञ | pos=n,g=m,c=3,n=s |
| यज्ञ | यज्ञ | pos=n,comp=y |
| एषी | एषिन् | pos=a,g=m,c=1,n=s |
| कपर्दी | कपर्दिन् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| विदधे | विधा | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
| धनुः | धनुस् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| धनुः | धनुस् | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| सृष्टम् | सृज् | pos=va,g=n,c=1,n=s,f=part |
| अभूत् | भू | pos=v,p=3,n=s,l=lun |
| तस्य | तद् | pos=n,g=m,c=6,n=s |
| पञ्च | पञ्चन् | pos=n,comp=y |
| किष्कु | किष्कु | pos=n,comp=y |
| प्रमाणात् | प्रमाण | pos=n,g=n,c=5,n=s |