महाभारतम् — 10.3.34
Original
Segmented
अद्य पाञ्चाल-पाण्डूनाम् शयितान् आत्मजान् निशि खड्गेन निशितेन आजौ प्रमथिष्यामि गौतम
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| अद्य | अद्य | pos=i |
| पाञ्चाल | पाञ्चाल | pos=n,comp=y |
| पाण्डूनाम् | पाण्डु | pos=n,g=m,c=6,n=p |
| शयितान् | शी | pos=va,g=m,c=2,n=p,f=part |
| आत्मजान् | आत्मज | pos=n,g=m,c=2,n=p |
| निशि | निश् | pos=n,g=f,c=7,n=s |
| खड्गेन | खड्ग | pos=n,g=m,c=3,n=s |
| निशितेन | निशा | pos=va,g=m,c=3,n=s,f=part |
| आजौ | आजि | pos=n,g=m,c=7,n=s |
| प्रमथिष्यामि | प्रमथ् | pos=v,p=1,n=s,l=lrt |
| गौतम | गौतम | pos=n,g=m,c=8,n=s |