महाभारतम् — 10.5.34
Original
Segmented
कथम् च निहतः पापः पाञ्चालः पशु-वत् मया शस्त्र-आहव-जिताम् लोकान् प्राप्नुयाद् इति मे मतिः
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| कथम् | कथम् | pos=i |
| च | च | pos=i |
| निहतः | निहन् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
| पापः | पाप | pos=a,g=m,c=1,n=s |
| पाञ्चालः | पाञ्चाल | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| पशु | पशु | pos=n,comp=y |
| वत् | वत् | pos=i |
| मया | मद् | pos=n,g=,c=3,n=s |
| शस्त्र | शस्त्र | pos=n,comp=y |
| आहव | आहव | pos=n,comp=y |
| जिताम् | जि | pos=va,g=f,c=2,n=s,f=part |
| लोकान् | लोक | pos=n,g=m,c=2,n=p |
| प्राप्नुयाद् | प्राप् | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
| इति | इति | pos=i |
| मे | मद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
| मतिः | मति | pos=n,g=f,c=1,n=s |