महाभारतम् — 10.6.34
Original
Segmented
स हि देवो ऽत्यगाद् देवान् तपसा विक्रमेण च तस्मात् शरणम् अभ्येष्ये गिरिशम् शूलपाणिनम्
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| स | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| हि | हि | pos=i |
| देवो | देव | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| ऽत्यगाद् | अतिगा | pos=v,p=3,n=s,l=lun |
| देवान् | देव | pos=n,g=m,c=2,n=p |
| तपसा | तपस् | pos=n,g=n,c=3,n=s |
| विक्रमेण | विक्रम | pos=n,g=m,c=3,n=s |
| च | च | pos=i |
| तस्मात् | तस्मात् | pos=i |
| शरणम् | शरण | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| अभ्येष्ये | अभी | pos=v,p=1,n=s,l=lrt |
| गिरिशम् | गिरिश | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| शूलपाणिनम् | शूलपाणिन् | pos=n,g=m,c=2,n=s |