महाभारतम् — 10.7.42
Original
Segmented
मनः-वाच्-कर्मभिः भक्तैः नित्यम् आराधितः च यैः मनः-वाच्-कर्मभिः भक्तान् पाति पुत्रान् इव औरसान्
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| मनः | मनस् | pos=n,comp=y |
| वाच् | वाच् | pos=n,comp=y |
| कर्मभिः | कर्मन् | pos=n,g=n,c=3,n=p |
| भक्तैः | भक्त | pos=n,g=m,c=3,n=p |
| नित्यम् | नित्यम् | pos=i |
| आराधितः | आराधय् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
| च | च | pos=i |
| यैः | यद् | pos=n,g=m,c=3,n=p |
| मनः | मनस् | pos=n,comp=y |
| वाच् | वाच् | pos=n,comp=y |
| कर्मभिः | कर्मन् | pos=n,g=n,c=3,n=p |
| भक्तान् | भक्त | pos=n,g=m,c=2,n=p |
| पाति | पा | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
| पुत्रान् | पुत्र | pos=n,g=m,c=2,n=p |
| इव | इव | pos=i |
| औरसान् | औरस | pos=n,g=m,c=2,n=p |