महाभारतम् — 10.8.122
Original
Segmented
संवेष्टमानान् उद्विग्नान् निरुत्साहान् सहस्रशः न्यपातयत् नरान् क्रुद्धः पशून् पशुपतिः यथा
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| संवेष्टमानान् | संवेष्ट् | pos=va,g=m,c=2,n=p,f=part |
| उद्विग्नान् | उद्विज् | pos=va,g=m,c=2,n=p,f=part |
| निरुत्साहान् | निरुत्साह | pos=a,g=m,c=2,n=p |
| सहस्रशः | सहस्रशस् | pos=i |
| न्यपातयत् | निपातय् | pos=v,p=3,n=s,l=lan |
| नरान् | नर | pos=n,g=m,c=2,n=p |
| क्रुद्धः | क्रुध् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
| पशून् | पशु | pos=n,g=m,c=2,n=p |
| पशुपतिः | पशुपति | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| यथा | यथा | pos=i |