महाभारतम् — 11.16.1
Original
Segmented
वैशंपायन उवाच एवम् उक्त्वा तु गान्धारी कुरूणाम् आ विकर्तनम् अपश्यत् तत्र तिष्ठन्ती सर्वम् दिव्येन चक्षुषा
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| वैशंपायन | वैशम्पायन | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
| एवम् | एवम् | pos=i |
| उक्त्वा | वच् | pos=vi |
| तु | तु | pos=i |
| गान्धारी | गान्धारी | pos=n,g=f,c=1,n=s |
| कुरूणाम् | कुरु | pos=n,g=m,c=6,n=p |
| आ | आ | pos=i |
| विकर्तनम् | विकर्तन | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| अपश्यत् | पश् | pos=v,p=3,n=s,l=lan |
| तत्र | तत्र | pos=i |
| तिष्ठन्ती | स्था | pos=va,g=f,c=1,n=s,f=part |
| सर्वम् | सर्व | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| दिव्येन | दिव्य | pos=a,g=n,c=3,n=s |
| चक्षुषा | चक्षुस् | pos=n,g=n,c=3,n=s |