महाभारतम् — 11.2.17
Original
Segmented
अ शोचन् प्रतिकुर्वीत यदि पश्येत् पराक्रमम् भैषज्यम् एतद् दुःखस्य यद् एतत् न अनुचिन्तयेत् चिन्त्यमानम् हि न व्येति भूयस् च अपि विवर्धते
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| अ | अ | pos=i |
| शोचन् | शुच् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
| प्रतिकुर्वीत | प्रतिकृ | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
| यदि | यदि | pos=i |
| पश्येत् | पश् | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
| पराक्रमम् | पराक्रम | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| भैषज्यम् | भैषज्य | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| एतद् | एतद् | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| दुःखस्य | दुःख | pos=n,g=n,c=6,n=s |
| यद् | यत् | pos=i |
| एतत् | एतद् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| न | न | pos=i |
| अनुचिन्तयेत् | अनुचिन्तय् | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
| चिन्त्यमानम् | चिन्तय् | pos=va,g=n,c=1,n=s,f=part |
| हि | हि | pos=i |
| न | न | pos=i |
| व्येति | वी | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
| भूयस् | भूयस् | pos=i |
| च | च | pos=i |
| अपि | अपि | pos=i |
| विवर्धते | विवृध् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |