महाभारतम् — 11.3.2
Original
Segmented
अनिष्टानाम् च संसर्गाद् इष्टानाम् च विवर्जनात् कथम् हि मानसैः दुःखैः प्रमुच्यन्ते ऽत्र पण्डिताः
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| अनिष्टानाम् | अनिष्ट | pos=a,g=n,c=6,n=p |
| च | च | pos=i |
| संसर्गाद् | संसर्ग | pos=n,g=m,c=5,n=s |
| इष्टानाम् | इष् | pos=va,g=n,c=6,n=p,f=part |
| च | च | pos=i |
| विवर्जनात् | विवर्जन | pos=n,g=n,c=5,n=s |
| कथम् | कथम् | pos=i |
| हि | हि | pos=i |
| मानसैः | मानस | pos=a,g=n,c=3,n=p |
| दुःखैः | दुःख | pos=n,g=n,c=3,n=p |
| प्रमुच्यन्ते | प्रमुच् | pos=v,p=3,n=p,l=lat |
| ऽत्र | अत्र | pos=i |
| पण्डिताः | पण्डित | pos=n,g=m,c=1,n=p |