महाभारतम् — 11.4.6
Original
Segmented
तस्मात् मुक्तः स संसाराद् अन्यान् पश्यति उपद्रवान् ग्रहाः तम् उपसर्पन्ति सारमेया इव आमिषम्
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| तस्मात् | तद् | pos=n,g=m,c=5,n=s |
| मुक्तः | मुच् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
| स | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| संसाराद् | संसार | pos=n,g=m,c=5,n=s |
| अन्यान् | अन्य | pos=n,g=m,c=2,n=p |
| पश्यति | पश् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
| उपद्रवान् | उपद्रव | pos=n,g=m,c=2,n=p |
| ग्रहाः | ग्रह | pos=n,g=m,c=1,n=p |
| तम् | तद् | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| उपसर्पन्ति | उपसृप् | pos=v,p=3,n=p,l=lat |
| सारमेया | सारमेय | pos=n,g=m,c=1,n=p |
| इव | इव | pos=i |
| आमिषम् | आमिष | pos=n,g=n,c=2,n=s |