महाभारतम् — 11.5.2
Original
Segmented
विदुर उवाच अत्र ते वर्तयिष्यामि नमस्कृत्वा स्वयंभुवे यथा संसार-गहनम् वदन्ति परम-ऋषयः
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| विदुर | विदुर | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
| अत्र | अत्र | pos=i |
| ते | त्वद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
| वर्तयिष्यामि | वर्तय् | pos=v,p=1,n=s,l=lrt |
| नमस्कृत्वा | नमस्कृ | pos=vi |
| स्वयंभुवे | स्वयम्भु | pos=n,g=m,c=4,n=s |
| यथा | यथा | pos=i |
| संसार | संसार | pos=n,comp=y |
| गहनम् | गहन | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| वदन्ति | वद् | pos=v,p=3,n=p,l=lat |
| परम | परम | pos=a,comp=y |
| ऋषयः | ऋषि | pos=n,g=m,c=1,n=p |