महाभारतम् — 12.10.27
Original
Segmented
औदकाः सृष्टयः च एव जन्तवः सिद्धिम् आप्नुयुः येषाम् आत्मा एव भर्तव्यो न अन्यः कश्चन विद्यते
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| औदकाः | औदक | pos=a,g=m,c=1,n=p |
| सृष्टयः | सृष्टि | pos=n,g=f,c=1,n=p |
| च | च | pos=i |
| एव | एव | pos=i |
| जन्तवः | जन्तु | pos=n,g=m,c=1,n=p |
| सिद्धिम् | सिद्धि | pos=n,g=f,c=2,n=s |
| आप्नुयुः | आप् | pos=v,p=3,n=p,l=vidhilin |
| येषाम् | यद् | pos=n,g=m,c=6,n=p |
| आत्मा | आत्मन् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| एव | एव | pos=i |
| भर्तव्यो | भृ | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=krtya |
| न | न | pos=i |
| अन्यः | अन्य | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| कश्चन | कश्चन | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| विद्यते | विद् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |