महाभारतम् — 12.103.2
Original
Segmented
भीष्म उवाच जैत्र्या वा यानि रूपाणि भवन्ति पुरुष-ऋषभ पृतनायाः प्रशस्तानि तानि वक्ष्यामि सर्वशः
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| भीष्म | भीष्म | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
| जैत्र्या | जैत्र | pos=a,g=f,c=6,n=s |
| वा | वा | pos=i |
| यानि | यद् | pos=n,g=n,c=1,n=p |
| रूपाणि | रूप | pos=n,g=n,c=1,n=p |
| भवन्ति | भू | pos=v,p=3,n=p,l=lat |
| पुरुष | पुरुष | pos=n,comp=y |
| ऋषभ | ऋषभ | pos=n,g=m,c=8,n=s |
| पृतनायाः | पृतना | pos=n,g=f,c=6,n=s |
| प्रशस्तानि | प्रशंस् | pos=va,g=n,c=1,n=p,f=part |
| तानि | तद् | pos=n,g=n,c=2,n=p |
| वक्ष्यामि | वच् | pos=v,p=1,n=s,l=lrt |
| सर्वशः | सर्वशस् | pos=i |