महाभारतम् — 12.104.21
Original
Segmented
और्जस्थ्यम् विजयेद् एवम् संगृह्णन् साधु-संमतान् कालेन साधयेत् नित्यम् न अप्राप्ते ऽभिनिपीडयेत्
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| और्जस्थ्यम् | और्जस्थ्य | pos=a,g=m,c=2,n=s |
| विजयेद् | विजि | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
| एवम् | एवम् | pos=i |
| संगृह्णन् | संग्रह् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
| साधु | साधु | pos=a,comp=y |
| संमतान् | सम्मन् | pos=va,g=m,c=2,n=p,f=part |
| कालेन | काल | pos=n,g=m,c=3,n=s |
| साधयेत् | साधय् | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
| नित्यम् | नित्यम् | pos=i |
| न | न | pos=i |
| अप्राप्ते | अप्राप्त | pos=a,g=m,c=7,n=s |
| ऽभिनिपीडयेत् | अभिनिपीडय् | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |