महाभारतम् — 12.104.29
Original
Segmented
प्रणिपातेन दानेन वाचा मधुरया ब्रुवन् अमित्रम् उपसेवेत न तु जातु विशङ्कयेत्
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| प्रणिपातेन | प्रणिपात | pos=n,g=m,c=3,n=s |
| दानेन | दान | pos=n,g=n,c=3,n=s |
| वाचा | वाच् | pos=n,g=f,c=3,n=s |
| मधुरया | मधुर | pos=a,g=f,c=3,n=s |
| ब्रुवन् | ब्रू | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
| अमित्रम् | अमित्र | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| उपसेवेत | उपसेव् | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
| न | न | pos=i |
| तु | तु | pos=i |
| जातु | जातु | pos=i |
| विशङ्कयेत् | विशङ्कय् | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |