महाभारतम् — 12.104.42
Original
Segmented
प्रदाय गूढानि वसूनि नाम प्रच्छिद्य भोगान् अवधाय च स्वान् दुष्टाः स्व-दोषैः इति कीर्तयित्वा पुरेषु राष्ट्रेषु च योजयन्ति
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| प्रदाय | प्रदा | pos=vi |
| गूढानि | गुह् | pos=va,g=n,c=2,n=p,f=part |
| वसूनि | वसु | pos=n,g=n,c=2,n=p |
| नाम | नाम | pos=i |
| प्रच्छिद्य | प्रच्छिद् | pos=vi |
| भोगान् | भोग | pos=n,g=m,c=2,n=p |
| अवधाय | अवधा | pos=vi |
| च | च | pos=i |
| स्वान् | स्व | pos=a,g=m,c=2,n=p |
| दुष्टाः | दुष् | pos=va,g=m,c=1,n=p,f=part |
| स्व | स्व | pos=a,comp=y |
| दोषैः | दोष | pos=n,g=m,c=3,n=p |
| इति | इति | pos=i |
| कीर्तयित्वा | कीर्तय् | pos=vi |
| पुरेषु | पुर | pos=n,g=n,c=7,n=p |
| राष्ट्रेषु | राष्ट्र | pos=n,g=n,c=7,n=p |
| च | च | pos=i |
| योजयन्ति | योजय् | pos=v,p=3,n=p,l=lat |