महाभारतम् — 12.105.29
Original
Segmented
यथा लब्ध-उपपद्-अर्थः तथा कौसल्य रंस्यसे कच्चित् शुद्ध-स्वभावेन श्रिया हीनो न शोचसि
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| यथा | यथा | pos=i |
| लब्ध | लभ् | pos=va,comp=y,f=part |
| उपपद् | उपपद् | pos=va,comp=y,f=part |
| अर्थः | अर्थ | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| तथा | तथा | pos=i |
| कौसल्य | कौसल्य | pos=n,g=m,c=8,n=s |
| रंस्यसे | रम् | pos=v,p=2,n=s,l=lrt |
| कच्चित् | कच्चित् | pos=i |
| शुद्ध | शुध् | pos=va,comp=y,f=part |
| स्वभावेन | स्वभाव | pos=n,g=m,c=3,n=s |
| श्रिया | श्री | pos=n,g=f,c=3,n=s |
| हीनो | हा | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
| न | न | pos=i |
| शोचसि | शुच् | pos=v,p=2,n=s,l=lat |