महाभारतम् — 12.109.10
Original
Segmented
न एतान् अतिशयेत् जातु न अत्यश्नीयात् न दूषयेत् नित्यम् परिचरेत् च एव तद् वै सु कृतम् उत्तमम् कीर्तिम् पुण्यम् यशो लोकान् प्राप्स्यसे च जनाधिप
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| न | न | pos=i |
| एतान् | एतद् | pos=n,g=m,c=2,n=p |
| अतिशयेत् | अतिशी | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
| जातु | जातु | pos=i |
| न | न | pos=i |
| अत्यश्नीयात् | अत्यश् | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
| न | न | pos=i |
| दूषयेत् | दूषय् | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
| नित्यम् | नित्यम् | pos=i |
| परिचरेत् | परिचर् | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
| च | च | pos=i |
| एव | एव | pos=i |
| तद् | तद् | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| वै | वै | pos=i |
| सु | सु | pos=i |
| कृतम् | कृ | pos=va,g=n,c=1,n=s,f=part |
| उत्तमम् | उत्तम | pos=a,g=n,c=1,n=s |
| कीर्तिम् | कीर्ति | pos=n,g=f,c=2,n=s |
| पुण्यम् | पुण्य | pos=a,g=n,c=2,n=s |
| यशो | यशस् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| लोकान् | लोक | pos=n,g=m,c=2,n=p |
| प्राप्स्यसे | प्राप् | pos=v,p=2,n=s,l=lrt |
| च | च | pos=i |
| जनाधिप | जनाधिप | pos=n,g=m,c=8,n=s |