महाभारतम् — 12.113.1
Original
Segmented
युधिष्ठिर उवाच किम् पार्थिवेन कर्तव्यम् किम् च कृत्वा सुखी भवेत् तत् मे आचक्ष्व तत्त्वेन सर्वम् धर्म-भृताम् वर
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| युधिष्ठिर | युधिष्ठिर | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
| किम् | क | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| पार्थिवेन | पार्थिव | pos=n,g=m,c=3,n=s |
| कर्तव्यम् | कृ | pos=va,g=n,c=1,n=s,f=krtya |
| किम् | क | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| च | च | pos=i |
| कृत्वा | कृ | pos=vi |
| सुखी | सुखिन् | pos=a,g=m,c=1,n=s |
| भवेत् | भू | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
| तत् | तद् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| मे | मद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
| आचक्ष्व | आचक्ष् | pos=v,p=2,n=s,l=lan |
| तत्त्वेन | तत्त्व | pos=n,g=n,c=3,n=s |
| सर्वम् | सर्व | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| धर्म | धर्म | pos=n,comp=y |
| भृताम् | भृत् | pos=a,g=m,c=6,n=p |
| वर | वर | pos=a,g=m,c=8,n=s |