महाभारतम् — 12.113.6
Original
Segmented
उष्ट्र उवाच भगवत् त्वद्-प्रसादात् मे दीर्घा ग्रीवा भवेद् इयम् योजनानाम् शतम् साग्रम् या गच्छेत् चरसे विभो
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| उष्ट्र | उष्ट्र | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
| भगवत् | भगवन्त् | pos=n,g=m,c=8,n=s |
| त्वद् | त्वद् | pos=n,comp=y |
| प्रसादात् | प्रसाद | pos=n,g=m,c=5,n=s |
| मे | मद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
| दीर्घा | दीर्घ | pos=a,g=f,c=1,n=s |
| ग्रीवा | ग्रीवा | pos=n,g=f,c=1,n=s |
| भवेद् | भू | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
| इयम् | इदम् | pos=n,g=f,c=1,n=s |
| योजनानाम् | योजन | pos=n,g=n,c=6,n=p |
| शतम् | शत | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| साग्रम् | साग्र | pos=a,g=n,c=2,n=s |
| या | यद् | pos=n,g=f,c=1,n=s |
| गच्छेत् | गम् | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
| चरसे | चर् | pos=vi |
| विभो | विभु | pos=a,g=m,c=8,n=s |