महाभारतम् — 12.116.10
Original
Segmented
त्वत्तः कुल-हितम् वाक्यम् श्रुत्वा राज्य-हित-उदयम् अमृतस्य अव्ययस्य इव तृप्तः स्वप्स्यामि अहम् सुखम्
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| त्वत्तः | त्वद् | pos=n,g=m,c=5,n=s |
| कुल | कुल | pos=n,comp=y |
| हितम् | हित | pos=a,g=n,c=2,n=s |
| वाक्यम् | वाक्य | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| श्रुत्वा | श्रु | pos=vi |
| राज्य | राज्य | pos=n,comp=y |
| हित | हित | pos=a,comp=y |
| उदयम् | उदय | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| अमृतस्य | अमृत | pos=n,g=n,c=6,n=s |
| अव्ययस्य | अव्यय | pos=a,g=n,c=6,n=s |
| इव | इव | pos=i |
| तृप्तः | तृप् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
| स्वप्स्यामि | स्वप् | pos=v,p=1,n=s,l=lrt |
| अहम् | मद् | pos=n,g=,c=1,n=s |
| सुखम् | सुखम् | pos=i |