महाभारतम् — 12.120.33
Original
Segmented
यत् हि गुप्त-अवशिष्टम् स्यात् तत् हितम् धर्म-कामयोः संचय-अनुविसर्गी स्याद् राजा शास्त्र-विद् आत्मवान्
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| यत् | यद् | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| हि | हि | pos=i |
| गुप्त | गुप् | pos=va,comp=y,f=part |
| अवशिष्टम् | अवशिष् | pos=va,g=n,c=1,n=s,f=part |
| स्यात् | अस् | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
| तत् | तद् | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| हितम् | हित | pos=a,g=n,c=1,n=s |
| धर्म | धर्म | pos=n,comp=y |
| कामयोः | काम | pos=n,g=m,c=6,n=d |
| संचय | संचय | pos=n,comp=y |
| अनुविसर्गी | अनुविसर्गिन् | pos=a,g=m,c=1,n=s |
| स्याद् | अस् | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
| राजा | राजन् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| शास्त्र | शास्त्र | pos=n,comp=y |
| विद् | विद् | pos=a,g=m,c=1,n=s |
| आत्मवान् | आत्मवत् | pos=a,g=m,c=1,n=s |