महाभारतम् — 12.120.8
Original
Segmented
आपद्-द्वारेषु यत्तः स्यात् जल-प्रस्रवणेषु इव शैल-वर्ष-उदकानि इव द्विजान् सिद्धान् समाश्रयेत्
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| आपद् | आपद् | pos=n,comp=y |
| द्वारेषु | द्वार | pos=n,g=n,c=7,n=p |
| यत्तः | यत् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
| स्यात् | अस् | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
| जल | जल | pos=n,comp=y |
| प्रस्रवणेषु | प्रस्रवण | pos=n,g=n,c=7,n=p |
| इव | इव | pos=i |
| शैल | शैल | pos=n,comp=y |
| वर्ष | वर्ष | pos=n,comp=y |
| उदकानि | उदक | pos=n,g=n,c=2,n=p |
| इव | इव | pos=i |
| द्विजान् | द्विज | pos=n,g=m,c=2,n=p |
| सिद्धान् | सिध् | pos=va,g=m,c=2,n=p,f=part |
| समाश्रयेत् | समाश्रि | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |